डॉ. रामबली मिश्र
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अच्छा करना
अच्छा करना (तिकोनिया छंद)
अच्छा करना,
पावन चिंतन।
सुंदर रचना।।
धर्म प्रिय लगें,
हितवादी हो।
शुभ भाव जगे।।
नित प्रेम करो,
सत्कर्म करो।
सब कष्ट हरो।।
कपट त्याग दो,
मधुर राग दो।
द्वेष दाग दो।।
कभी नाच दो,
जगत साज दो।
हृदय माज दो।।
कर परिवर्तन,
रच दो नूतन।
हो संवर्धन।।
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